मेरा 17 साल दा नौकर बहुत चंगा सी मैं उससे बहुत ज्यादा भरोसा कर लिया एक दिन कहन लग मालक मैन बाहर ठंड लगदी है इसलिए मैं डे कमरे विच ही सोगा मैं सोच कि हो सकदा है बाहर ठंड लगदी होवेगी इसलिए उसन अपने कमरे विच सोनली इजाजत दे दती पर जद अधी रात हुई तो उसने मेरे नाल लगातार पंज वार मैं हैरान रह गई कि ना छोटा नौकर ना ताकतवर किव हो सकदा है उसने ता मेरिया चीका कटवा दतिया मेरा नाम ममता है मैं खने विच बहुत सोनी हा मेरा व्याह अनिल नाल अठ साल पहला होया सी मेरा पति बहुत चंगा इंसान है व मेरी हर गल मान लेंदा है एक बर

      मेरा पति एक 17 साल दे मुंडे न घर ले आया व कहन लग गया ये मुंडा बेसहारा है ते इस दे अगे पिछे कोई भी नहीं है य सा घर विच बहुत घट पैसिया विच नौकरी करन ली तयार है बस इसन खान ली खाना ते रहन ली कमरा दे देवी मेरा पति पैसे दे मामले विच बहुत ज्यादा कंजूस है व हर समय मुफ्त दे चक्कर विच रहदा सी व मुंडा खन विच बहुत ही चंगा ते मासूम जाप सी मैं अपने पति न पुछ लिया कि य मुंडा न किथ मिल गया वो कहन ल गया मेरे दोस्त दे घर विच उसने कुछ महीने काम कीता है है पर न ता मेरा दोस्त विदेश जा रहा है इसलिए इस नौकर न मेनू दे दिता उसने

      कहा सी कि तू उसन कुछ पैसे ते दो समय द रोटी दे देवी ते उसके बदले विच तू जो काम कहेगी वो कर देवेगा ये सुन के मैं किहा अनिल साडे घर विच पहला तो ही बस दो कम रेही हन जिस विच एक न मैं अपने कपड़े सिलाई ते बाकी कमा दे ली रख्या है ते बाकी द एक कमरा ता सौन वाला कमरा है ता फिर येय मुंडा किथे रगा मेरे लते व कहन लग तेनू चिंता करन द जरूरत नहीं है बस वेड़े विच एक बिस्तरा इसन दे देना य उथे ही बछा के चुपचाप सौ जावेगा मैं किहा चल ठीक है वो मुंडा बहुत ही चुपचाप जया सी अगले रोज सवेरे सवेरे ही मैं उसन रसोई दे कम विच

      लगा दिता व चुपचाप मेरे दसे गए सारे कम कर ददा सी ते मैं खुद भी पूरे घर द सफाई वगैरा कर दी मैं उसन नाश्ता बना के दिता ता व भी चुपचाप खामोशी नाल खा लिया मैं किहा तू बोलदा नहीं ता कहन लग्या मैं तो हाडे नाल की गल कर सकदा हां मैं किहा कि तेरे घर वालिया विचों कोई भी नहीं वो कहन लग्या पता नहीं जद मैं अख खोली ता मैं अपने आप न अनाथ आश्रम विच पाया जद मैं 10 साल दा सी ता एक औरत मैनू अनाथ आश्रम विचों ये कह के ले गई कि उसके घर विच उसकी कोई औलाद नहीं ते उसन बच्चा चाहिदा है वो कहन लगी कि मैं इसन चंगे स्कूल विच दाखिल

      करवा देवांगी इस बच्चे न चंगी सिख्या देवांगी पर 10 साल दी उम्र विच ही उसने मैनू घर दे कम्मा विच लगा दिता छोटे मोटे सामान लेना भांडे धोना रिश्तेदार दे अगे बर्तन लगाना ते मैं इस तरह द ही जिंदगी गुजारन लग गया जद औरत मर गई जा ता फिर उस दे पति ने मैनू घर च बाहर कट दिता फिर दूजे दिन किसे होर दे नौकर द कम शुरू कर दिता पर जिसने भी रख्या उसने सिर्फ दो समय द रोटी दे ल ही रख्या उस तो ज्यादा किसी ने कुछ नहीं दिता दो समय द रोटी दे बदले मैं घर द कम कर ददा सी यह गल सुन के मैन बहुत दुख होया बेचारी द की जिंदगी सी मैं

      उसके सिर ते हथ फेर ते किहा तू चिंता ना कर मैं तनू थोड़े बहुत पैसे दे दिया करंगी असल विच मेरे पति द भी इनी ज्यादा तनखा नहीं है व कहन ल नहीं मालक जी रहन देयो दो समय द रोटी ते घर विच रहन ली जगह दे दे रहे हो मेरे ली ही बहुत है मेरा केड़ा खानदान है जिस द मैनू चिंता करनी है ते उसन मैं पैसे देने हन पर मेरे दिल विच उस मुंडे ली हमदर्दी पैदा होन लगी सी पर मैं नहीं जानती सी कि हमदर्दी मैन बहुत महंगी पैन वाली है मेरा पति दूजे शहर विच रह के किसी कंपनी विच काम करदा सी जिस कंपनी विचों काम करदा सी उस कंपनी दा मालिक मेरे

      पति न महीने विच एक दो वार दूजे शहर विच भी आर्डर देन ल भेज ददा सी मेरा पति दूजे शहर जांदा ता तिन चार दिना बाद ही वापस आंदा उन्ना दिना विच मैं घर विच इकली ी सी मेरे व्याह न अठ साल हो गए सन पर मैनू हुन तक कोई औलाद नहीं हुई सी मैं सोच सी कि जेकर मैं किसी अनाथ बच्चे नाल चंगा वहार रखूंगी ता हो सकदा है मेरी यह गल उपर वाले न पसंद आ जावे ते व मैनू कोई औलाद दे देवे मैं शायद ही गलती कर बैठी सी मेरा पति कुछ दिन दे ल अपने कम दे सिलसिले विच दूजे शहर गया होया सी घर विच सिर्फ मैं ही सी ते व 17 साल द नौकर मैं ता पहला पहली बर उसन इस कदर

      देख्या सी जद मैं रसोई विच आटा गुन रही सी ता वो उस समय रसोई विच आ गया मैं रसोई विच बिना दुपट्टे दे ही कम कर रही सी पर मैं नहीं जानती सी कि 17 साल दे मुंडे दिया नजरा विच इस तरह दी कशिश भी हो सकदी है मैं बिना दुपट्टे दे आटा गुन रही सी वो शंक विच इकट्ठे कीते हुए भांडे धोन दे बहाने ने शेंक दे कोल खड़ा हो गया मैं भी शेंक दे बिल्कुल बराबर ही अपया सोचा विच गुम सी उसे समय अचानक मैनू मेरे शरीर ते कोई चीज रेंग दी हुई महसूस हुई मैनू यह लग रहा सी कि किसी दी तेज नजर मेरे शरीर ते किसी आरी द तरह हमला कर रही होवे मैं

      जल्दी नाल मुड़ के देख्या ता वो 17 साल दा मुंडा मैनू ही देख रहा सी वो कदे मेरे चेहरे न देखदा ते कद मेरे गोरे शरीर न व इस तरह नजरा चुरा के भांडे धोन लग गया ये सब देख के पहला ता मैं घबरा गई फिर जल्दी नाल मैं रसोई दे दरवाजे ते लटक हुया अपना दुपट्टा चुक ते उसन अपने ऊपर ले लिया उस समय में आटा लगभग गुन ही चुकी सी इसली मैं उसन एक डब्बे विच रख्या ते फ्रिज विच रख दिता ते जल्दी नाल रसोई च बाहर निकल के अपने कमरे दे विच चली गई मैं अपने बेड ते बैठ के सोचन लग्गी आखिर 17 साल दा मुंडा मैनू इस तरह क्यों देख रहा सी पर फिर मैं सोच कि शायद मेरा वहम

      होवेगा वो किना मासूम मुंडा मैनू क्यों बुरिया नजरा नाल देखेगा रब्ब ने औरत न एक शक्ति दती हुई है जिस नाल व अपने ऊपर उठने वाली हर गलत नजर न महसूस कर लेी है मैं भी अजहा ही महसूस कीता सी पर एक 17 साल दा मुंडा सोच के मैं इस गल न नजरअंदाज कर दिता मैं नहीं समझती सी कि इस उमर दा बच्चा अजही गिरी हुई हरकत भी कर सकदा है जिस तरह नाल उसने अपनी मजबूरी दे किस्से सुनाई सन मैं ता उस नाल हमदर्दी करन लग्गी सी कुछ देर बाद मैं कमरे च बाहर निकल गई मैं देख्या ताव घर द सफाई कर रहा सी उस समय मैं सोफे ते बैठ गई ते उसन वेखन लग गई

      वेखन विच मैनू उस विच कोई भी बुराई नजर नहीं आ रही सी वो अपने कम नाल कम रखन वाला सी मैं सोचा शायद मैं उससे बारे विच गलत अंदाजा लगाया है उसके बाद रात दा खाना खान तो बाद वो कहन लग गया मालक बाहर बहुत ठंडी हवा चल रही है जेकर तुहानू बुरा ना लगे ता मैं कमरे दे विच सौ सकदा हां उस द गल ता ठीक ही सी ठंड वाला मौसम शुरू हो चुक सी ते हवा बहुत ठंडी सी रात न वेड़े विच बहुत ठंड महसूस ी सी मैं किहा तू मेरे कमरे विच किथे सोवे मेरे कोल कोई फालतू दा कमरा थोड़ी है एक कमरा जिसन मैं अपनी सलाई दे ली रख्या है उस विच बहुत ज्यादा सामान

      बखरिया पया है ते किते सन वाले कपड़े हन ता किते मशीन है ते कमरा भी बहुत छोटा है मेरी चीज न तू इधर उधर करके लेट जावेगा ते फिर मैं लब दी फिरंगी ता व कहन लग तुसी बुरा ना मनो ता मैं डे कमरे विच सौ जांदा हा ये सुन के मैं हैरान हो गई फिर वो कहन लगया मालक मैं जमीन ते बिस्तरा बछ के सौ जावागा पर बाहर मैन बहुत ज्यादा ठंड लगदी है मेरे कोल ठंड दे कपड़े भी नहीं हन मैन उस गल सुन के उस दे तरस आ गया मैं उसन अपने कमरे विच सौन द इजाजत ता दे दती पर उस समय मैं उसके चेहरे ते अजीब जही खुशी देख रही सी जिव वो ये सुन के बहुत खुश हो

      गया होवे उसने जल्दी अपना बिस्तरा चुक गया ते मेरे कमरे विच जमीन ते बिछा के लेट गया मैनू हरे विच सौन दी आदत सी इसली मैं सौन तो पहला कमरे द लाइट बंद कर दती फिर मैं हौली हौली गुड़ी नींद विच जान लग्गी ते कद मैं गुड़ी नींद विच सौ गई मैनू भी पता ना चले सवेरे जद मेरी अख खुली ता मेरा सिर बहुत भारी जहा लग रहा सी शायद जरूरत तो ज्यादा सौ गई सी फिर मैं घड़ी वल ख्या ता सवेर दे 9:00 बज चुके सन हालांकि मैं 9:00 बजे तो पहला ही उठ जांदी सी पर फिर भी मैनू इस तरह लग रहा सी जिव मैं बहुत सौ चुकी हां मैं हुने उठ के बैठी ही सी कि

      मैनू बाथरूम विचों पानी डिगन द आवाज सुनाई देन लगी मैं जद बेड दे हेठा देख्या ता उस मुंडे बिस्तरा नहीं सी मतलब कि व उठ चुक सी ते व मेरे ही बाथरूम विच वड़िया होया सी वो किन्ना तेज मुंडा सी बिना मेरी इजाजत दे मेरा बाथरूम इस्तेमाल कर रहा सी मैनू यह गल चंगी नहीं लगी क्यों मेरा बाथरूम इस्तेमाल कर रहा है मैं सोच कि जिवें ही व बाहर आ जावेगा मैं उसन कह देवांगी कि आज तो बाद मेरे कमरे द बाथरूम इस्तेमाल ना करी जिव ही यो बाथरूम च बाहर आया ता मैं देखया कि वो नहा के निकल है उस समय मैनू देख के अजीब जीही मुस्कुराहट उसके चेहरे ते लक रही सी मैनू

      उस समय एहसास होया कि मेरे ता बाल खुले होए सन ते बिखरे भी होए सन हालांकि जद मैं जद सोई सी ता मैं अपने बाला न चंगी तरह नाल बन्न लिया सी फिलहाल मैं जल्दी नाल अपने बाला न लपेट के जूड़ा बना लिया फिर जद मैं अपना दुपट्टा चुक्कन लगी ता बेड द चादर न देख के मेरे होश छुट गई क्योंकि वो बुरी तरह नाल बिखरी हुई सी हालांकि मैं ता बिस्तर दे जड़े कोने विच सौंदी सी थों ही उठ दी सी मैनू कद भी बेड ते फैल के सोन द आदत नहीं सी पर बेड दी चादर न देख के अजहा लग रहा सी जिव इससे कोई सिर्फ सौ के नहीं उठे होवे बल्कि जो गल मेरे दिमाग विच आई

      वो मेरे होश उड़ान ली काफी सी वो मुंडा जल्दी नाल अपना बिस्तरा चुक के कमरे च बाहर जान लग गया उस समय मैं किहा मेरी गल सुन मेनू न तक उसदा ना भी नहीं पता सी व कहन लगया जी मालक मैं किहा रात न तू किथे सोया सी ता मेरे इस सवाल ते उसके चेहरे द रंगत उड़ गई वो कहन लगया मालक मैं ता जमीन ते बिस्तरा बछा के सोया सी की होया तुसी इस तरह क्यों पूछ रहे हो मैं किहा कुछ नहीं तू जा व जान लग गया ता मैं फिर तो उसन बुलाया मैं किहा मेरी गल सुन वो मुड़ के मैनू खन लग गया मैं किहा आज तो बाद मेरा बाथरूम मेनू बिना पुछे इस्तेमाल ना

      करी व कहन लग्या ठीक है नहीं करा मालक मैं किहा तेरा नाम की है व कहन लग्या तुसी जो मर्जी रख लो वैसे सारे मैन मुन्ना कहंदे ने मैं किहा तेरा नाम किसने रख्या सी व कहन लग गया पता नहीं अनाथ आश्रम विच ही मुन्ना रख्या सी उस समय तो ही सारे ही नाम लेके बुलादे ने ना कह के व कमरे च चले गया मैं बैड तो उठी ता मेरी कमर विच अजीब जहा दर्द हो रहा सी मेरी तबीयत भी सुस्त सी मेरा दिल नहीं कर रहा सी कि मैं अपने बिस्तरे तो उठ के बाहर जावा उसन चा बनानी आंदी सी इसली मैं किहा मुन्ना वो कहन लगे जी मालक उसने जल्दी नाल कमरे दे दरवाजे ते

      दस्तक दती उसन देख के मैं किहा मेरे ली एक कप चा बना के लया पता नहीं क्यों आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है मेरी इस गल ते जद उसने मैनू देख्या ता वो कहन लग हां मालक कते कते अजहा हो जाता है अजही कमा विच एक कह के व बाहर चले आ गया मैं सोचन लगी कि मैं अ जेहा केड़ा कम कीता है जो मैनू इस तरह नाल बोल के चले गया खैर मैं कमरे च बाहर आई ता वो अपने कमरे विच सी मैं अपने मोबाइल तो अपने पति न फोन कीता पहली वार मैनू मेरे पति दे जान ते बहुत अजीब लग रहा सी मैं किहा अनिल तुसी कद वापस आओगे वो कहन लग्या की हो गया ममता न मैनू आए हुए

      समा ही किन्ना होया है तनू पता है जद मैं दूजे शहर विच जाता हां ता मैनू तिन चार दिन ता लग जांदे ने पहला ता तू कद अ जेहा सवाल नहीं करदी सी उसी गल भी ठीक सी पर पता नहीं इसवार मैनू कुछ अजीब जहा लग रहा सी व कहन लग फोन रख दे मैं मीटिंग विच बिजी हां तनू मैं रात न ही फोन करूंगा मैं किहा ठीक है वो कहन लगया व मुंडा ता ठीक नाल कम कर र है ना मैं किहा हां वो कम ता ठीक कर रहा है मेरी आवाज सुन के अनिल कहन लग गया ममता तेरी तबीयत त ठीक है मैनू तू ठीक नहीं लग रही की होया है तनू असी दोव पति पत्नी ही ता सी इसली सानू एक दूजे ते

      विश्वास ते मोहब्बत सी असी एक दूजे दे लहजे तो ही जान जांदे हा कि सामने वाला परेशान है जा नहीं मैं एक लंबा सा लिया ते अपने पति न कहन लगी कुछ नहीं बस कल तो मेरी तबीयत थोड़ी भारी भारी जही लग रही है मेरा शरीर थक थक जहा लग रहा है सामने खड़ा होके मेरा नकर मैनू भी अखा फाड़ फाड़ के देख रहा सी उस समय भी उसकी नजर विच एक अजीब जही तपस सी जो मैनू अपने वजूद ते पी हुई महसूस हो रही सी फिलहाल य पति पत्नी द आपस द मामला सी इसलिए मैं उथ उठ के अपने कमरे विच चली गई उन्हा द मीटिंग बहुत जरूरी सी इसलिए उन्ना ने कुछ देर बाद ही फोन रख दिता मैं एक बर फिर

      मायूस होके बैठ गई उस समय दरवाजा हल्की जी आवाज पैदा करते हुए खुल मैं देखया ता दरवाजे ते खड़ा सी व मैनू देख के कहन लगया की होया मालक तुहान कुछ चाहिदा है मैं अखा बंद करके उसन नही विच सिर हिलाया मैं क्या नहीं मैं बस कुछ देर आराम करना चाह दी मैं अखा बंद करके महसूस कीता जिव वो दरवाजे दे कोल खड़ा मैनू ही ूर रहा होवे अगले ही पल मैं अक्खा खोल के देखि तो जल्दी हड़बड़ा के अपना चेहरा दूजे पासे कर चुक सी वो कहन लगया मालक ड़ी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही मैं तोहा सिर द मालिश कर कर दि मैं बहुत चंगी मालिश करता हां पर मैं उसन मना कर

      दिता मैं किहा मेरे ली बस एक कप अदरक वाली चाह बना दे शायद उस नाल मेरे सिर दा दर्द ठीक हो जावे वो सिर हिला के उथ चले गया कुछ देर बाद ही व चा लेके हाजिर हो गया पर चाह पीने विच मैनू बहुत कौड़ी लग रही सी उसने अदरक कुछ ज्यादा ही पा दिता सी फिलहाल चाह पिे ही मेनू सुकून ज महसूस होन लग गया इसलिए मैं बहुत जल्दी गुड़ी नींद विच सौ गई मैं न इस गल द कोई परवाह नहीं सी घर ऐव ही खुला प्या सी चाहे कोई भी आ जावे क्योंकि मैनू इस नौकर ते भरोसा भी सी वैसे भी उसने मेरी मौजूदगी विच पूरे घर न बहुत चंगे तरीके नाल संभाल लिया सी मैं उस

      समय सो रही सी रात दे 10:00 बज रहे सन जद मेरी अख खुली ता कमरा हल्की जी रोशनी विच डुबे होया सी मैं जद उठी ता घड़ी दे समा देख के मैं कबरा गई भुख नाल ता मेरी हालत वैसे भी खराब हो रही सी सिवाय एक कप चाह दा ही पीता होया सी मैं उठ के बाहर आई ता नौकर मैनू देख के जल्दी मेरे वल आया व कहन लग्या मालकिन ड़ तबीयत ठीक होही गई है ता डे ली खाना लगा देवा व ता जिव मेरा ही इंतजार कर रहा सी मैं उसन कहन लग्गी कि तू मैनू जगाया क्यों नहीं मैं नी देर तक किव सोई रही व मेरी इस गल ते हल्का जहा हस्या ते मैनू गौर नाल देखन तो बाद कहन लग गया

      तुसी सौंदे हुए इने प्यारे लग रहे सी कि मैनू जगाना चंगा नहीं लग्या उसी गल ते मैं हैरान होके उसन देखन लग गई मैं उसन जल्दी किहा की मतलब है तेरा वो कहन लग गया अरे मालक जी तुसी ने मजे नाल ते सुकून द नींद सो रहे सी भला मैं नौकर हां मैं कौन हुंदा हां ड़ नींद विच रुकावट पाउन वाला वैसे भी पूरे घर दे कम ता मैं खतम ही कर देते सन ते कम सी ही किन्ने जो तुसी उठ के करने सी इसलिए सोच कि तुसी सो रहे हो तो सौन ददा हां फिर मैं तोहा ली खाना बनान चले गया उस दे हाथ विच जादू सी उसने जो खाना बनाया सी बहुत ही स्वाद सी उस दिन मैं पेट भर के

      खाना खादा वो भी थोड़ा दूर खड़ा मैनू ही देख रहा सी पर मैं उसन सामने कुर्सी ते बैठन न कह दिता उस समय मेरे पति दा भी फोन आ गया मैं फोन लेके कमरे विच गल करन ली चली गई दो घंटे लगातार मैं अपने पति नाल गल कर रही सी ते उस दौरान कमरा बंद सी पर मेरा नौकर कमरे दे बाहर ही मौजूद सी जद दो घंटे ल गए ता अचानक वो दरवाजे ते दस्तक देन लग गया मैं गौर नाल सुनया तो बोल रहा सी कि न किन्नी देर अपने पति नाल गल करोगे मालक मैनू नींद आ रही है व इस कदर उच्ची आवाज विच बोल रहा सी उस द आवाज पक्का मेरे पति ने भी सुन ल सी मैं एकदम फोन दे दूजे

      पासे तो खामोश हो गई मेरा पति हैरानी नाल कहन ल नौकर किथे सौन द गल कर र भला मैं की जवाब दी मैं जल्दी नाल गल न संभाल दे हुए कहन लगी कुछ नहीं बाहर ठंड ी है ना दो तिन दिन तो ठंड भी बहुत वध चुकी है इसली न नौकर घर दे अंदर ही सौदा है कल रात भी थे ही मेरे कमरे विच जमीन ते बिस्तर बछ के सोया सी इस गल ते पति कुछ देर चुप रहा फिर कहन ल गया उसन ज्यादा सिर ते चढ़ा द जरूरत नहीं है उसन बाहर वेड़े विच ही सौनन न नी भी कोई ठंड नहीं है नहीं ता घर दा दूजा कमरा थोड़ा खाली कर दे उथे एक कोने विच अपना बिस्तरा विशा के सौ जावेगा पति द गल मैं बखूबी समझ चुकी सी

      इसले पति नाल गल करन तो बाद मैं बाहर आई ते उसन साफ साफ कह दिता कि तू इथे बेड़े विच ही कोठे कोने ते अपना बिस्तरा वि के सौ जा मैं तनू अपने कमरे विच नहीं रख सकदी मेनू परेशानी आंदी है मेरी इस गल ते उसने लंबा साह लेते हुए मैनू देख्या फिर वो कहन लगया ठीक है मैं ता नू अपनी मालक समझदा हां पर तुहान ता मेरे ते विश्वास ही नहीं अजहा कहंदे हुए उस दिया अखा विच मोटे मोटे हंजू आन लग गए ये देख के ता मैं शर्मिंदगी महसूस करन लग्गी सी ये न्ना मासूम जया मुंडा है भला मैं इस शक किव कर सकदी सी फिर मैं फिर भी मेरे पति दा हुकम सी जो

      उसकी गैर मौजूदगी विच मनना मेरे ली लाजमी सी मैं किहा कि अजही कोई गल नहीं है तू इथे वेड़े विच सौ जा ते हां सवेरे उठ के नाश्ता बनान द जरूरत नहीं है मैं खुद बना लवांग ना कहन तो बाद मैं अपने कमरे विच चली गई हैरानी द गल ता य सी कि न्ना ज्यादा सौन दे बावजूद भी मैनू नींद आ रही सी जद मैं अपने बिस्तर ते लाइट जला आके एक कहाणी द किताब पढ़न दे ल बैठी ता एक बर फिर नींद मैनू अपने आगोश विच लेन लग गई फिर मैं उथे बैठे-बैठे ही सौ गई सी रात दा पता नहीं केड़ा पहर सी जद मेरी अख खुली ता मैं ये समझ रही सी कि मेरा पति मेरे कोल

      मौजूद है पर जद अख खोल के व मंजर देख्या ता मेरे होश उट गई अगले ही पल मेरे सारे खुश टिकाने आ चुके सन मेरा पति ता घर विच मौजूद ही नहीं सी ते जो मंजर मैं देख्या उसन देखन तो बाद ता मैं हैरान हो चुकी सी क्योंकि नौकर दबे द्बे पैरा नाल अपनी शर्ट न चुक के कमरे च बाहर जा रहा सी उससे इस तरह दे रवैए तो मैं ता जिन्नी हैरान हुई उन्ना ही घट सी उस समय जो कुछ मैनू समझ आ रहा सी उस नाल ता मेरे रोंगटे खड़े हो चुके सन आखर ये सब की कर रहा सी मैनू ता एक पल विच उस नौकर तो डर लगन लग गया मेरा वजूद एक वार फिर तो दर्द विच डुब चुक सी

      जो कुछ भी मैं महसूस कर रही सी वह बिल्कुल भी चंगा नहीं सी मैं उठ के जल्दी बाथरूम विच चली गई यह सब देखन तो बाद एक खौफ दी लहर मेरे वजूद ते हावी हो चुकी सी उस समय मैनू अजहा महसूस हो रहा सी कि उस नौकर ने मेरे नाल गलत कम कीता है मैं अपने कमरे न अंदर तो बंद कर लिया उस दे बाद ता मैं सौ भी नहीं सकी मेरे दिमाग विच बार-बार एक ही सवाल आ रहा सी कि 17 साल दा मुंडा न्ना सब कुछ किव कर सकदा है ते मैं किव सब कुछ होन दिंदीची सोच के मैं पागल हो रही सी जद सवेर हुई ता व नौकर इसे तरह ही वेड़े विच सौ रहा सी मैं कमरे च निकली ताओ मैनू अजीब

      ज नजरा नाल घूर के देखन लग गया मैं बगैर सबूत ते उस ते इल्जाम भी नहीं लगाना चांदी सी पर मैं उसन पूरी तरह नजर नजरअंदाज करती हुई अपने घर दे कम खुद ही करन लग गई मैं उस दौरान गौर कीता कि व मुंडा बस उम्र विच ही छोटा दिखता सी जद के तजुर्बे ते नजरा तो व कोई हैवान ही लग रहा सी आज जद मैं अपने कमरे दे विच सौन दे ल गई ता मैं उस मुंडे न अपने कमरे विच दाखिल नहीं होन दिता शायद वो मैनू कोई बेहोशी द दवाई दे रहा होवेगा जिस द वजह नाल मैनू होश नहीं रहदा सी ते मैं जल्दी ही सौ जांदी सी उस रात मैं पूरी सावधान सी कुछ देर बाद नौकर

      कमरे विच आया मैनू देख के व कहन लग्या मालक लेओ अपना एयर फ्रेशनर देयो मैं कमरे विच छिड़क दा हां पर कुछ सोचते हुए मैं उसन मना कर दिता मैं कहन लग्गी कि मैं खुद स्प्रे कर लवांग तू रहन दे व कुछ सोचते हुए उस समय उथ चले गया पर उस रात मैं कोई एयर फ्रेशनर नहीं लगाया मेरी आदत सी कि मैं कमरे विच एयर फ्रेशनर स्प्रे करके ही सोया करदी सी इत्तफाक नाल आज रात मेरा पति भी आन वाला सी मैं अपने बिस्तर ते लेटी ते सौन द नाटक करन लग गई जिव कि मैं गुड़ी नींद विच सौ चुकी होवा कुछ देर बाद कमरे दा दरवाजा खु हौली हौली व कमरे दे विचा

      ते मैनू आवाज देन लग्या मालक जाग दे हो जा सो रहे हो मालक जी डा मुन्ना आ चुक है डे नाल रात गुजारन दे ल शायद उसन यकीन हो चुक सी कि मैं सो रही हा इसली वह अपनी असलियत दिखान लग गया मैं अपने वजूद दे विच किसे चीज दे रंगन द आवाज महसूस कर रही सी उस समय दरवाजा एकदम नाल खुल ता मेरा पति उथे दाखिल हो चुक सी नौकर ने ता अपनी शर्ट उतार रखी सी पर अचानक मालक न सामने देख के व घबरा गया जद कि मैं भी उस समय उठ के बैठ गई सी मेरे पति ने मैनू ते नौकर न देख्या ता उससे मथे तो पसीना छुट लग गया दरअसल जो कुछ मेरे नाल हो रहा सी जा मैं महसूस कर रही सी उसके

      बारे विच मैं अपने पति न सब कुछ दस चुकी सी मैं उन्ना औरता विचों नहीं सी जो सही समय दे चक्कर विच अपना नुकसान करवा ले दिया हन अगले ही पल मेरा पति कमरे दे विच दाखिल होया ते उस नौकर द गर्दन फड़ के थप्पड़ मार के उसन कहन लग कि तू जिस थाली विच खादा है उसे विच छेद कर र है मैं ता तेरे ते एहसान करके तनू घर विच लेके आया सी पर एक कटिया हरकत तू मेरे घर विच भी शुरू कर दती दस की सी ये सब पह ता व इस गल न मना करदा रहा पर जद मेरे पति ने अपने पारी हथ उस दे मुंह ते मारे ता व रोन लग गया फिर उसने जो कुछ भी दस्या उसन सुन के असी

      बिल्कुल हैरान रह गए व कहन लग गया कि अनाथ आश्रम विचों जो औरत मैनू अपने घर लेके गई सी उसने मैनू अपने घर दा नौकर बनाया सी पर उस दे नाल नाल व मेरे तो अपया इच्छा न पूरा करवा दी सी उस समय मैं मैं सिर्फ 13 साल दा सी जद उसने पहली वार मेरे तो अपनी इच्छा न पूरा कीता सी व हर दिन मैनू ताकत वालियां चीजा ले आके खान नंदी ते फिर मेरे तो अपनी उस खुशी न पूरा करवा दी जो वो चांदी सी हौली हौली मैं भी इस सब विच डुब चल गया ते ही वजह है कि मैं समय तो पहला ही जवान हो गया हुन मैनू भी इन्ना सारियां चीज द आदत लग चुकी सी मैं हर समय उसके

      बारे विच सोचदा रहदा सी मेरा बचपन ही जद अनाथ आश्रम विच लया सी ता मैं चंगे संस्कार किव सिख पादा जद मैं उस औरत दे नाल गया ता मैनू लग्या कि व मैनू चंगी सिख्या देवेगी पर उसने भी मैनू सिर्फ अपया इच्छा दे ल इस्तेमाल कीता एक दिन उस औरत न दिल दा दौरा पै गया ते व इस दुनिया च चली गई न मैं फिर तो यतीम हो चुक सी पर उस औरत ने जो आदत मैनू लगा दती सी उस तो मैं हमेशा बेचैन रहन लग गया सी कुछ दिना तक ता मैं इस तरह ही सड़का ते भटकता रहा जिथे रात ी है उथे सवेर भी ी है जद मैं े घर आया ता इनी सोहनी मालक न देख के मैनू बहुत

      ही वधिया महसूस हो रहा सी फिर मैं इस मौके द तलाश विच रहन लग गया एक दिन मैं देख्या कि रोज रात न मालक अपने कमरे विच एयर फ्रेशनर लगा के सौंदी है उस समय मैं उस एयर फ्रेशनर विच एक अजही दवाई मिला दती जिस नाल कमरे दे विच जांदे ही सौ जांदी सी जद मालक गुड़ी नींद विच सौ जांदी ता मैं उन्ना दे कमरे दे विच आंदा उस समय तक वो खुशबू भी घट हो जांदी सी इसलिए मेरे ते उस दवाई दा असर नहीं ंदा सी मालक दे सौन दे बाद मैं अपनी इच्छा न पूरा कर लिया करदा सी जिस नाल मैनू बहुत सुकून मिलता सी मालक मैन बहुत चंगी लगदी सी ते मैनू उन्ना

      द आदत हो गई सी इसली मैं हर रात उन्ना दे नाल अ जेहा करदा सी न्ना कह के व रोन लग गया ते मेरे पति तो माफी मांगन लग गया जद कि मैनू उस ते न्ना गुस्सा ते अफसोस भी हो रहा सी मेरे पति ने उसे समय उसन घर च निकल जान न किहा पर वो रोंदे हुए कहन लग गया कि मैं अधी रात न किथे जावागा मेन माफ कर दियो मैं आज तो बाद अ जही कोई हरकत कदे नहीं करंगा पर उस वर्ग मुंडे न घर विच रखना कोई चंगी गल नहीं सी उस बच्चे न बिगाड़ने विच ते उस मुकाम तक पहुंचाने विच सब तो पहला हथ उस दी उस मालक दा सी जो उसन अनाथ आश्रम विचों लेके आई सी जेकर यतीम

      खाने वाले ये देख लेदे कि बच्चा जिन्ना हाथा विच गया है उथे सुरक्षित भी है जा नहीं जेकर थोड़ी छानबीन कर ली हुी ताजे मुंडा अ जेहा ना हुंदा सारी रात मेरे पति ने उसन बाहर गेट दे कोल ही बिठा के रख्या ते अगली सवेर हुंदे ही खुद उसन पुलिस दे हवाले कर दिता पुलिस न भी इस बारे सारा कुछ दस दिता गया उस मुंडे न उथे चंगी सिख्या भी मिलन लग गई जिस नाल एक चंगे इंसान बन सके फिलहाल बहुत दिना तक मैं अपनी असलत किसे न पता ही नहीं चलन दती मेरा पति दुनिया दे चंगे पतिया विचों एक है उसने मेरा भरपूर साथ दिता है आखिर साडे दोवा विच प्यार ही ना सी उल्टा वो

      शर्मिंदा सन मेरा पति कहन लग गया कि मेरी गलती है मैन छानबीन करके ही नौकर न घर विच लेना चाहिदा सी जेकर मैं उसन इथे ना लिदा त य सब कुछ ना हुंदा खैर जो होया सो होया न तो मैं तेरा पूरा ध्यान रखा का ते गल दा किसे न पता नहीं चलन देवांगा दोस्तों तुहान भी नी ही बेनती है कि अपने घर विच किसे न कम वगैरा ते रखो तो सब तो पहला उसकी चंगी तरह नाल छानबीन कर लो क्योंकि जिस ते असी ज्यादा भरोसा करद हां अक्सर सानू उस तो ही धोखा मिलता है ता दोस्तों इस डे की विचार हन कमेंट करके जरूर दसना जेकर न यह कहानी वधिया लगी है ता वीडियो न

      लाइक ते शेयर जरूर करना जी जेकर तुसी मेरे चैनल ते नवे हो ता चैनल न सब्सक्राइब करना ना भुलना जी मिलते हा जी एक और नवी कहानी दे नाल धन्यवाद जी

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